गोड्डा सीट पर अड़े हैं बाबूलाल मरांडी

झारखंड की गोड्डा लोकसभा सीट छोड़ने को झारखंड विकास मोर्चा (झाविमो) के अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी तैयार नहीं हैं। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अजय कुमार ने बाबूलाल मरांडी से मुलाकात की। लंबी बातचीत की। मरांडी टस से मस नहीं हुए।

मरांडी बोले, गोड्डा लोकसभा सीट पर समझौता नहीं हो सकता। राहुल गांधी के करीबियों में शुमार कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी आरपीएन सिंह 16 घंटा तक गिरिडीह के होटल में ठहरे रहे। मरांडी जाकर उनसे नहीं मिले। झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन भी गिरिडीह में थे, संघर्ष यात्रा में। हेमंत से भी आरपीएन की मुलाकात नहीं हुई।

कांग्रेस के झारखंड प्रभारी आरपीएन सिंह जिस होटल में रुके थे, वहां से महज तीन किमी दूर बरगंडा के आवास पर बाबूलाल मरांडी रुके थे। मरांडी को मनाने की कोशिश मंगलवार की रात दस बजे से शुरू हुई। शनिवार की सुबह नौ बजे तक प्रयास चलता रहा। आरपीएन सिंह ने मरांडी को होटल में आमंत्रित किया। बाबूलाल नहीं गए। फिर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अजय कुमार बुधवार की सुबह मरांडी के आवास पर गए। बंद कमरे में दोनों नेताओं की गुफ्तगू हुई। 

डॉ. अजय ने मोबाइल के जरिए मरांडी और आरपीएन में बातचीत कराई। मरांडी के गोड्डा लोकसभा सीट छोड़ने के कांग्रेस के प्रस्ताव को पूरी तरह खारिज कर दिया। कांग्रेस के शीर्ष नेताओं को मरांडी ने झाविमो का दृष्टिकोण बता दिया कि गोड्डा में झाविमो ही भाजपा को हरा सकता है। कांग्रेस गोड्डा सीट छोड़ दे।

झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन दो दिन से गिरिडीह में हैं। उन्होंने मरांडी को मनाने के लिए पहल नहीं की। सर्किट हाउस में रहने के बावजूद न मरांडी से मुलाकात की, न आरपीएन सिंह से। मंगलवार देर रात हेमंत और डा. अजय कुमार के बीच जरूर बातचीत हुई।

आरपीएन सिंह ने कहा कि यूपीए महागठबंधन में झारखंड की लोकसभा सीटों के बंटवारे पर अभी तक फैसला नहीं हुआ है। कौन पार्टी किस लोकसभा सीट से चुनाव लड़ेगी, इस पर निर्णय होना बाकी है। सभी दलों के शीर्ष नेतृत्व पर उनके नेताओं का दबाव है। बाबूलाल मरांडी पर भी अपने नेताओं का दबाव है।

झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड में महागठबंधन बन चुका है। अब सीटों के बंटवारा पर बातचीत शुरू हुई है। झामुमो ने छह लोकसभा सीटों पर दावा किया है। पश्चिमी सिंहभूम पर भी झामुमो का मजबूत दावा है। हेमंत सोरेन ने कहा कि झाविमो भी महागठबंधन का हिस्सा है। बाबूलाल मरांडी से भी बातचीत हो रही है।

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